राजस्थानः कोटा से एमपी के छात्रों को वापस लाएगी शिवराज सरकार, नीतीश कुमार पर बढ़ा दबाव


 


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले दिनों राजस्थान के कोटा में बसें भेजकर छात्रों को वापस बुलाने के फैसले के बाद अब शिवराज सरकार भी ऐसा ही करने जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि कोटा में मध्य प्रदेश के तकरीबन 1100 छात्र फंसे हुए हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार के इस कदम के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कोटा से छात्रों को वापस बुलाने का दबाव और बढ़ गया है। मध्य प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर ने छात्रों की लिस्ट भी बना ली है और 71 वाहनों की व्यवस्था भी कर ली है। कोटा में पढ़ रहे मध्य प्रदेश के 1100 छात्र 51 जिले के हैं। ग्वालियर के 68, छतरपुर के 50, भिंड के 48, भोपाल के 39 और इंदौर के पांच हैं। बता दें कि कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे उत्तर प्रदेश के 10 हजार छात्रों को लेकर यूपी रोडवेज की 300 और राजस्थान रोडवेज की 100 बसें शनिवार को झांसी और आगरा पहुंची थीं। इन बसों में सवार सभी छात्रों की सघन जांच की गई थी। जांच के बाद छात्रों को यूपी परिवहन निगम की बसों से उनके गृह जिलों को रवाना कर दिया गया था। कोटा से अपने जिलों में पहुंचे छात्रों को प्रारंभिक जांच के बाद फिलहाल क्वारंटाइन किया गया है। नीतीश कुमार पर बढ़ा दबावः उत्तर प्रदेश के मेडिकल-इंजीनियरिंग छात्रों की वापसी के बाद बिहार सरकार पर भी ऐसा कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर ने सरकार से राज्य के छात्रों को वापस बुलाने की मांग की है। वहीं राज्य सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन का हवाला देकर वापसी का कदम उठाने से इनकार किया और ऐसी मांग करने वालों को कठघरे में खड़ा किया। प्रशांत किशोर ने भी उठाए थे नीतीश कमार पर सवाल: प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर एक चिट्ठी की कॉपी जारी करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाए उन्होंने कहा था कि जब सरकार ने बिहार के बच्चों को कोटा सेलाने से मना कर दिया है तो विधायक के बेटे को कोटा सेलाने की विशेष अनुमति क्यों दी गई है। ट्वीट में पीके ने लिखा कि कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर खारिज कर दिया था ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के खिलाफ होगा लेकिन अब उन्हीं की सरकार ने बीजेपी केएक एमएलए को कोटा से अपने बेटे को लाने की विशेष अनुमति दी है।